International Cooperative Day 2019

17 जुलाई, 2019

समाज में सहकारिता से ही भौतिक जरूरतों की पूर्ति की जा सकती है  – विश्वास सारंग

यमुनानगर 06 जुलाई: अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता व मध्यप्रदेश के पूर्व सहकारिता मन्त्री श्री विश्वास सारंग कहा कि यदि व्यक्ति है तो समाज है, समाज है तो सहकारिता है और सहकारिता के बिना व्यक्ति जिंदा नहीं रह सकता। व्यक्ति को रोटी, कपड़ा और मकान जैसी भौतिक जरूरत होती है और उसकी पूर्ति समाज में सहकारिता से ही हो सकती है।
इस अवसर पर श्री विश्वास सारंग आज यमुनानगर में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस 2019 के अवसर पर ‘आज, कल और कल’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे। अधिकारियों द्वारा सहकारी क्षेत्र के विकास के सम्बन्ध में प्रश्न पूंछे, जिनका श्री सारंग ने बड़ी कुशलता व उदाहरणों के साथ जवाब देकर अधिकारियों की शंकाओं का निराकरण किया। श्री सारंग ने संगोष्ठी में हरियाणा को अन्नपूर्णा के सम्बन्ध में महिलाओं की सहकारी समितियों का गठन करके रैस्टोरेंट की स्थापना करने का सुझाव दिया। इससे महिला सहकारी समितियों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं प्रदेश में लोगों को 5 व 10 रुपये में भोजन की आपूर्ति की जा सकेगी। ऐसे व्यवसायों को अपनाने से प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ-साथ समिति की आय भी बढे़गी।
श्री सांरग ने मध्यप्रदेश के सहकारी क्षेत्र का उदाहरण देते हुए मध्यप्रदेश में सहकारिता को उंचा उठाने के लिए महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह बनाये गये। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महिलाओं द्वारा टिफिन सेवाएं आरम्भ की गई हैं जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर भोजन उपलब्ध होता है। इस प्रकार महिलाओं ने टिफिन सहकारी समितियां बनाकर उपभोक्ताओं को खाने की आपूर्ति कर रही है। ये सहकारी समितियां इस क्षेत्र में सफलतापूर्वक कार्य कर रही हंै। इसके अतिरिक्त महिलाओं ने साबुन, पापड़, आचार व मसाले आदि के सम्बन्ध में भी अनेक सहकारी समितियां बना कर रोजगार के अवसरों का सृजन किया है। इससे क्षेत्र के उपभोक्ताओं को भी गुणवत्तापरक सामग्री मिलने का लाभ मिला है।
श्री सांरग ने हरियाणा को सहकारी क्षेत्र में समितियां स्थापित करने के अनेक टिप्स दिए। उन्होंने हरियाणा को पानीपत की टैक्सटाईल सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने के लिए टैक्सटाईल फैडरेशन को भी पुनर्जीवित करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सहकारी समितियों के लिए इकट्ठी सामग्री की खरीद की जाये तो समितियों को सस्ती पडे़गी। इससे एक तो सहकारी समितियों की टैक्सटाइल को कार्य मिलेगा, दूसरा समितियों की आर्थिक स्थिति में यथाशीघ्र सुधार होगा।
श्री सांरग ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि मध्यप्रदेश में सहकारी समितियों को बहुउद्देश्य समिति में परिवर्तित किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पैक्स को ऋण, खाद, बीज प्रदान करने के अलावा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) को भी अब गांव स्तर पर बहुउद्देशीय समिति के रुप में कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। इससे समिति की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य के लिए पारदर्शिता व ईमानदारी को सुनिश्चित किया जाये। इसके अतिरिक्त समिति का समय पर आॅडिट भी करवाना अनिवार्य है। श्री विश्वास सांरग ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय में सहकारिता की भावना निहित है। इसलिए सहकारिता के माध्यम से गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाकर उसका जीवन स्तर ऊँचा उठाया जाए।
श्री सांरग ने मध्यप्रदेश की ग्राम पंचायत झाबुआ का उदाहरण देते हुये बताया कि इस क्षेत्र की 80 से 90 प्रतिशत आबादी आदिवासी है। इस क्षेत्र में सरकार के प्रयासों से कड़कनाथ (मुर्गे की विशेष प्रजाति) के उत्पाद के सम्बन्ध में 43 समितियां बनाई गई हैं और इसको अधिक बढ़ावा देने के लिए फैडरेशन भी बनाया गया। आज यह समिति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कड़कनाथ की आपूर्ति कर रही है। देश व विदेश से प्रतिदिन 500 से 700 कड़कनाथ मुर्गा प्रजाति की मांग आ रही है।
इसी प्रकार उन्होंने युवा इंजीनियरस को प्रोत्साहित करते हुये कहा कि वे भी 50-60 युवा मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियां बनाकर युवाओं के लिए मार्गदर्शक बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि युवा ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतों के अनुसार यथा मोटर बाईडिंग इत्यादि का प्रशिक्षण लेकर अपने ग्रामीण क्षेत्रों में मोटर बाईडिंग का व्यवसाय कर सकते हैं। इस प्रकार सहकारिता के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उत्पन्न होगें। यदि इस ढांचे को हरियाणा में लागू किया जाये तो हरियाणा में बेरोजगारी की समस्या के समाधान में मदद मिलेगी। श्री सारंग ने हरियाणा को व्यवसाय के सभी क्षेत्रों में सहकारी समितियां बनाने का भी सुझाव दिया।
इससे पूर्व हरियाणा के सहकारिता राज्य मन्त्री श्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा कि मध्यप्रदेश के पूर्व सहकारिता मन्त्री श्री विश्वास सांरग ने समाज में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को सहकारिता से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने का काम किया है। उनके कार्यकाल के दौरान सहकारी आन्दोलन ने जन-आन्दोलन का रूप लिया और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं, महिलाओं और जरूरतमंद लोगों को सहकारिता से जोड़ा और रोजगार के अवसर सृजित किए।
श्री मनीष ग्रोवर ने कहा, ”मैं यमुनानगर की इस पावन धरती पर पधारने के लिए श्री विश्वास सारंग का हार्दिक स्वागत करता हूं।“ उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत महत्वूपर्ण है, क्योंकि आज के दिन डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयन्ती भी है। उन्होंने श्री सारंग से अनुरोध किया कि वे हरियाणा में सरकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सहकारी क्षेत्र के लोगों का मार्गदर्शन करें ताकि प्रदेश में सहकारी समितियों का पुनरोद्धार किया जा सके।
इस अवसर पर श्री एस.एन. राय, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सहकारिता विभाग, हरियाणा, श्री मनी राम शर्मा, रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, हरियाणा ने भी मेहमानों का स्वागत किया और श्री मोहम्मद शाईन ने इस संगोष्ठी में पधारने के लिए सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया।
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